Wednesday, April 9, 2008

चीन के तीन टी


ये तस्वीर चीन की दीवार की है। अभी मुश्किल से तीन महीने पहले वहां गया था।

आज पूरी दुनिया मे ओलम्पिक मशाल के चर्चे हैं। कही इसे छीना जा रहा है और कही इसे बुझाने की कोशिश की जा रही है।
भारत में ये मशाल आ रही है। चीन ओलम्पिक के बहाने अब ये साबित करने में लगा है कि तिब्बत पर उसका कब्ज़ा जायज़ है।
मेरी चीन यात्रा में मेरे साथ रही ट्रांसलेटर ने चीन के बारे में कुछ बेहद दिलचस्प बातें बताईं।

पहली तो ये कि वो मंगोलियन थी. इसमें दिलचस्प बात ये थी कि चीन की दीवार मंगोलियाई आक्रमण को रोकने के लिए बनाई गई थी।
लेकिन उसने कहा कि दीवार ने किसी जमाने में मंगोलियाईयों को दूर ज़रूर रखा होगा लेकिन अब वो बड़ी संख्या में चीन में ही हैं। ये उसके हिसाब से बदलते वक़्त की निशानी है।

फिर भी, चीन में अगर कुछ नहीं बदला है तो वो है तीन टी.
तीन टी यानी तिब्बत, ताईवान और थ्यानमन चौक।

पहले दो साम्यवादी चीन के साम्राज्यवादी रवैये को बताते हैं तो तीसरा लोकतंत्र के प्रति उसकी विरक्ति और घृणा को.
इसीलिए बाईचंग भूटिया को सलाम करने को दिल चाहता है। और यही दिल आमिर खान से सवाल भी करना चाहता है।
आमिर खान कहते हैं कि वो मशाल लेकर दौड़ेंगे ज़रूर क्योंकि मशाल का सरोकार ओलंपिक से है। ये सिर्फ इत्तफाक है कि ओलंपिक इस बार चीन में हो रहे हैं।

लेकिन मशाल उनके हाथों में होगी और होंठों पर तिब्बत के लोगों के लिए दुआ होगी. दुआ के लिए हाथ नहीं उठेंगे. सिर्फ होंठ हिलेंगे.

ऐसी दुआ किस काम की। ये आपके और मेरे सोचने की बात है।

6 comments:

पंकज said...

अखिलेश जी, अब तो सचिन भी मशाल उठाने को तैयार हो गए हैं. उन्हें भी अब गरियाएँ ना.

akhilesh sharma said...

अगला नंबर सचिन का ही है पंकज जी. आप मेरे ब्लॉग पर आए धन्यवाद. कैसा लगा आपको ये?

पंकज said...

अभी तो आपने शुरुआत की है. आशा है कि पत्रकारिता के क्षेत्र में आपने अनुभव की थाती नित नए रुप में अपना असर दिखाएगी. लिखते रहें. टीवी में आने के बाद लेखनी को ठंडा ना होने दें. ब्लॉगिंग बहुत बड़ा मंच है और आप जैसे धुरंधर इसमें शुमार हो रहे हैं...इससे अच्छी क्या बात हो सकती है. शुक्रिया और शुभकामना.

उमाशंकर सिंह said...

वाह। आप भी शुमार हुए। कादम्बिनी से पता चला। फौरन चला आया। आते जाते गुण दोष की चर्चा होती रहेगी।

kaushal said...

आपका ब्लॉग काबिलेतारीफ है, उम्मीद है भाजपा ऑफिस की कुछ दिलचस्प कहानियां भी पढ़ने को मिलेंगी ... मुझे ब्लागिंग वालों से थोड़ी शिकायत है कि वो हर रोज नहीं लिखते हैं ... कृपया आप हर रोज लिखा करें ...

सुमित ठाकुर said...

क्या खेल और तिब्बत की समस्या को एक करके देखा जाना चाहिए इस बात पर लम्बी बहस हो सकती है, फिर भी इस विषय मैं आप अगर थोड़ा और प्रकाश डाले तो अच्छा रहेगा
वैसे भी caablevale की मेहरबानी से मैं NDTV इंडिया तो नही देख पा रहा हूँ ।
आपका ब्लॉग की दुनिया में स्वागत है .